भोपाल सागर और जबलपुर में झमाझम वर्षा होने के आसार

भोपाल। चक्रवात बिपर्जय कमजोर पड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के मध्य में कम दबाव के क्षेत्र में बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर पंजाब तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला शुरू होगा।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को भोपाल, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर संभाग में झमाझम वर्षा होने की संभावना है। प्रदेश के शेष जिलों में भी छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं।

उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में 11,दमोह में आठ, राससेन में सात सिवनी में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। नर्मदापुरम, सागर में बूंदाबांदी हुई।

मंडला में तीव्र लू चली, जबकि नरसिंहपुर में लू का प्रभाव रहा। बंगाल की खाड़ी में भी एक मौसम प्रणाली के सक्रिय होने से दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को चक्रवात बिपर्जय के और कमजोर पड़कर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है। इस मौसम प्रणाली के असर से प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर वर्षा होने का सिलसिला बना हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गुरुवार को प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा होने की संभावना है। विशेषकर भोपाल, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर संभाग के जिलों में तेज वर्षा होने की संभावना है। इस वजह से दिन के तापमान में गिरावट भी होगी।

बंगाल की खाड़ी में मानसूनी हलचल बढ़ी

शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे लगे दक्षिणी ओडिशा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इसके कम दबाव के क्षेत्र में बदलने के बाद ओडिशा, छत्तीसगढ़ होते हुए मप्र की तरफ बढ़ने के संकेत हैं। इस वजह से जून के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में झमाझम वर्षा का दौर शुरू होने की उम्मीद है।

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