भोपाल। रेत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिनोटिफाई किए गए चंबल अभयारण्य का इको सेंसेटिव जोन खत्म करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
दरअसल, डिनोटिफकेशन करते समय यह ध्यान नहीं रखा गया था कि डिनोटिफाई क्षेत्र अभयारण्य की सीमा से बाहर दो किमी इको सोंसेटिव जोन में आ रहा है और ऐसे जोन में खनन प्रतिबंधित रहता है। इससे वहां रेत का खनन नहीं हो पा रहा था।
अब वन विभाग ने डिनोटिफाई क्षेत्र में रेत खनन करने के लिए वहां की इको सेंसेटिव जोन सीमा को खत्म करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, जिसे अब अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। खनिज साधन विभाग भी इस स्वीकृति के इंतजार में है। खनिज निगम ने इसकी तैयारी कर ली है।
स्वीकृति मिलने के बाद ही यहां रेत खनिज का टेंडर किया जा सकेगा। चंबल अभयारण्य को डिनोटिफाई कराने के लिए वहां के जनप्रतिनिधि भी लंबे समय से प्रयासरत रहे हैं। यहां प्रचुर मात्रा में रेत का भंडार है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलती है तो यहां रेत का खनन किया जा सकेगा। इससे स्थानीय लोगों को रेत की उपलब्धता भी आसान होगी।
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