जन अभियान परिषद के मंच से सीएम शिवराज ने साधा कमल नाथ पर निशाना, बोले

भोपाल  ।    राजधानी में जंबूरी मैदान पर जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों एवम स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिभागियों का सम्मेलन का शनिवार को आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। मुख्‍यमंत्री दोपहर करीब 12:45 बजे कार्यक्रम स्‍थल पर पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्‍होंने कन्‍यापूजन के साथ बहनों का भी पूजन किया और दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर सम्‍मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने साल ओढ़ाकर बहनों का अभिनंदन किया। प्रदेश में गरीब महिलाओं आर्थिक सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज को रक्षासूत्र बांधकर धन्यवाद ज्ञापित किया।सम्‍मेलन में जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों एवम स्वैच्छिक संगठनों के लगभग 30 हजार प्रतिभागियों ने शिरकत की।

सम्‍मेलन में उपस्‍थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि एक जमाना था, जब प्रदेश अंधेरे का घर था। अब सड़क, बिजली, पानी, सिंचाई सबका जाल बिछाया गया है। सीएम ने कहा कि जन अभियान परिषद की तारीफ करते हुए कहा कि इस संगठन ने अद्भुत काम किया है। यह स्वयंसेवी, समाजसेवियों का ऐसा महा संगठन बन गया है, जिसमें सब सेवा करने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर खड़ा कर दिया है। यह आज वटवृक्ष बन गया है। यह पेड़ जब सभी को विकास की छाया दे रहा था, तभी बीच में 15 महीने की (कमल नाथ) सरकार आ गई। उसे यह काम चुभ गए। वटवृक्ष को काटने की कोशिश की। वटवृक्ष तो नहीं कटा, लेकिन काटने वाले खुद कट के रह गए। क्या जरूरत थी जन अभियान परिषद को खत्म करने की कोशिश की। नवांकुर प्रस्फुटन समितियों को फंड देना बंद कर दिया। इन समाजसेवियों ने क्या बिगाड़ा था, ये तो बता दो कमलनाथ। समाजसेवी कांटे की तरह तुम्हारी आंखों में चुभ रहे थे।

शिवराज ने कहा कि मेरी बहनों ने आज भाई की कलाई पर राखियां बांधी हैं। ये केवल धागा नहीं, भाई-बहन के बीच स्नेह और प्रेम का बंधन है। आज पूरे प्रदेश की बहनों को वचन देता हूं कि आपने जो भाई पर विश्वास किया है। जान भले चली जाए, इस विश्वास को टूटने नहीं दूंगा। शिवराज ने आगे कहा कि हम एक ही मंजिल के राही हैं। हमारे लिए यह एक ऐसा पथ है जो मध्यप्रदेश को प्रगति और विकास के नए आसमान में ले जा रहा है। वो पथ जो जनता के कल्याण के लिए है। मैं और आप दो नहीं, एक ही हैं। समाज और सरकार अगर मिलकर साथ खड़े हो जाएं तो चमत्कार किया जा सकता है। आपके साथ मिलकर मैं प्रदेश के विकास, जनता के कल्याण और समाज की बुराइयों को दूर करने का चमत्कार करना चाहता हूं।

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